Tuesday, April 9, 2013

इस तरहा तुझसे रिश्ता बहाल रक्खा

इस तरहा तुझसे रिश्ता बहाल रक्खा..
..हमने तेरी यादोँ का खयाल रक्खा..

..ना तुझसे ना खुद से कोई शिकायत की..
..ना दिल ही मे कोई मलाल रक्खा..

..मैँ ज्यादा वीरान हूं या के ये शहर..
..मेरी "शिकस्तगी" ने ये सवाल रक्खा..

..हमने अपने दिल का ये हाल रक्खा..
..के दिल को तन्हा कई साल रक्खा..

..इस तरहा तुझसे रिश्ता बहाल रक्खा..
..हमने तेरी यादोँ का खयाल रक्खा..



         हरेन्द्र सिंह कुशवाह

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